धारी देवी मंदिर
धारी देवी मंदिर

धारी देवी मंदिर – उत्तराखंड की रक्षक देवी का रहस्यमयी शक्तिपीठ

धारी देवी मंदिर – उत्तराखंड की रक्षक देवी का रहस्यमयी शक्तिपीठ

परिचय

उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ कहा जाता है — यहाँ हर घाटी, हर नदी, और हर मंदिर के पीछे कोई न कोई चमत्कारी कहानी छुपी होती है। धारी देवी मंदिर (dhari devi temple) उन्हीं चमत्कारी स्थलों में से एक है, जिसे उत्तराखंड की रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है।

यह मंदिर:

  • श्रीनगर (गढ़वाल) के पास स्थित है
  • अलकनंदा नदी के किनारे चट्टान पर बसा है
  • माँ काली के उग्र रूप को समर्पित है

मंदिर कहाँ स्थित है?

  • स्थान: श्रीनगर, गढ़वाल, उत्तराखंड
  • नदी: अलकनंदा
  • ऊँचाई: लगभग 2,800 फीट
  • दूरी: श्रीनगर से 15 किमी

यह मंदिर एक छोटे से गाँव धारी में स्थित है, जहाँ से इसका नाम पड़ा – धारी देवी (dhari devi)

धारी देवी कौन हैं?

  • धारी देवी dhari devi को देवी काली के उग्र रूप में पूजा जाता है।
  • वे उत्तराखंड की क्षेत्रपाल देवी मानी जाती हैं।
  • उनकी मूर्ति केवल कमर के ऊपर तक मंदिर में है।
  • नीचे का भाग कलिमठ मंदिर में स्थित माना जाता है।

मान्यता है कि देवी की मूर्ति जीवित है — और हर भक्त पर नजर रखती हैं।

धारी देवी की रहस्यमयी कहानी

मूर्ति का बहना और प्रकट होना

कहते हैं, एक बाढ़ के दौरान देवी की मूर्ति अलकनंदा में बहकर आई थी। गांववालों ने उसे देखा और एक आवाज़ आई:

“मुझे यहाँ स्थापित करो। यही मेरा स्थान है।”

तब से यह स्थान शक्तिपीठ बन गया।

2013 की केदारनाथ आपदा से जुड़ा रहस्य

  • 16 जून 2013 को, एक हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए धारी देवी की मूर्ति को हटाया गया।
  • स्थानीय लोग और साधु-संत इसका विरोध कर रहे थे।
  • मूर्ति हटने के कुछ ही घंटों बाद, केदारनाथ में भयंकर बाढ़ आई।
  • हजारों लोग मारे गए, मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया।

लोग मानते हैं कि यह देवी का क्रोध था।

मंदिर की वास्तुकला

  • खुला मंदिर — कोई छत नहीं है
  • पारंपरिक गढ़वाली लकड़ी और पत्थर का काम
  • अलकनंदा नदी के मध्य चट्टान पर बसा
  • चारों ओर पहाड़ और हरियाली

सूर्योदय या सूर्यास्त के समय मंदिर का दृश्य बेहद सुंदर होता है।

कैसे पहुँचे धारी देवी मंदिर?

मार्ग विवरण
निकटतम शहर श्रीनगर (गढ़वाल)
रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (110 किमी)
एयरपोर्ट जौलीग्रांट, देहरादून (130 किमी)
सड़क मार्ग श्रीनगर से टैक्सी या बस द्वारा 30 मिनट की दूरी

यात्रा का सर्वोत्तम समय

  • मार्च से जून: गर्मियों में ठंडा और सुहावना मौसम
  • सितंबर से नवंबर: साफ आसमान, घाटियों का अद्भुत दृश्य
  • नवरात्रि: विशेष पूजा, भीड़ और उत्सव का माहौल

स्थानीय आस्था और परंपराएँ

  • हर साल धारी देवी का जागर होता है
  • गाँव के लोग देवी से मार्गदर्शन लेते हैं
  • देवी को जीवित देवी माना जाता है
  • हर त्योहार पर विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं

प्राकृतिक सौंदर्य और आत्मिक अनुभव

धारी देवी मंदिर से आप देख सकते हैं:

  • बलखाती अलकनंदा नदी
  • हिमालय की चोटियाँ
  • शांत वातावरण और सकारात्मक ऊर्जा

यहाँ ध्यान और पूजा करने से मन को विशेष शांति मिलती है।

निष्कर्ष

धारी देवी मंदिर dhari devi temple केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि उत्तराखंड की चेतन शक्ति है। यहाँ आने वाला हर भक्त न केवल माँ का आशीर्वाद पाता है, बल्कि एक नई ऊर्जा के साथ वापस लौटता है।

अगर आप उत्तराखंड आएं, तो धारी देवी के दर्शन अवश्य करें — यह अनुभव आपके जीवन की आध्यात्मिक यात्रा को बदल सकता है। 

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