Management of Change and Innovation
परिवर्तन एवं नवाचार में संबंध (Relationship between change and innovation) –
नवाचार और परिवर्तन दोनों ही शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं और शिक्षा द्वारा प्रभावित होते हैं –
परिवर्तन एवं नवाचार में संबंध में तीन बातें जानना आवश्यक है-
1. सुधार की दृष्टि से शैक्षिक परिवर्तन की इच्छा।
2. उपर्युक्त संदर्भ में नवाचार का चयन।
3.नवाचार को प्रयोग में लाने के लिए साधनों का आयोजन करना।
अतः नवाचार और परिवर्तन दोनों में घनिष्ठ संबंध है और शिक्षा में इनसे सुधार लाया जा सकता है।
परिवर्तन और नवाचार (change and innovation) परिवर्तन एवं नवाचार में संबंध
परिवर्तन सार्वभौमिक , सर्वकालिक एवं सर्वव्यापक होता है। परिवर्तन के कारण ही पृथ्वी का निर्माण हुआ। परिवर्तन के कारण ही प्रगति,
विकास एवं विनाश का चक्र गतिमान है परिवर्तन प्रतीक बदलाव या विचलन को कहा जा सकता है,
चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक, और अच्छा हो या बुरा। परिवर्तन और नवाचार को अधिकतर लोग समान अर्थ में प्रयुक्त करते हैं क्योंकि दोनों में ही स्थापित परंपरा, प्रणाली वस्तु या विचार में बदलाव लाता है।
हालांकि परिवर्तन एक व्यापक धारणा है जिसमें अच्छे या बुरे दोनों प्रकार के परिवर्तन सम्मिलित होते हैं जबकि नवाचार सदैव अच्छा, सकारात्मक, सुधारात्मक एवं रचनात्मक होता हैऔर उसके फलस्वरुप शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार आता है
इसलिए परिवर्तन और नवाचार दोनों घनिष्ठ रूप से संबंधित होते हुए भी एक नहीं है।
इसे भी देखें- तर्क का अर्थ
नवाचार के प्रकार (types of innovation)
शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सुनियोजित रूप में नवाचार का निरंतर उपयोग नहीं हो रहा है कुछ शिक्षाशास्त्रियों का कहना है कि भारत के विश्वविद्यालयों में सुधार कार्य अथवा परिवर्तन विद्यालयी पद्धति के बाहर के दबावों पर निर्भर करता है। इस हेतु इसे नहीं अपनाया जा रहा है।
कुछ विद्वानों की तो यहां तक धारणा उजागर हुई है कि भारत में शैक्षिक परिवर्तन निहित स्वार्थों के कारण होता है ना कि सुनियोजित योजना के आधार पर।
इस हेतु इन सभी आलोचनाओं तथा कारणों पर विचार करते हुए यह सोचना आवश्यक है कि नवाचारों को विद्यालय में प्रचलित करने के लिए सुसंगठित प्रयास किस रूप में किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त यह भी विचारणीय विषय है कि यदि नवाचार को अपना लिया जाए तो उसका परिणाम क्या होगा।
1. सामाजिक अंतःक्रियात्मक नवाचार (social interaction innovation ) –
नवाचार को उसके गुणों एवं विशिष्टताओं के आधार पर चयन करके विद्यालय में उसी व्यवस्था में स्वीकार किया जा सकता है जब उसके विषय में जानकारी विद्यालय के प्रतिपालक शिक्षक द्वारा प्राप्त हो। इसलिए कोई भी नवाचार विभिन्न लोगों, संस्थाओं एवं अभिकरणों के परस्पर सामाजिक अंतः क्रिया द्वारा प्रसारित होता है। इसलिए इस प्रकार के नवाचारों को सामाजिक अंतः क्रियात्मक नवाचार कहा गया है।
2. समस्या समाधानात्मक नवाचार ( problem solving innovation ) –
जब किसी समस्या के समाधान तथा परिवर्तन के लिए किसी नवाचार को चुना जाता है
तो उसे समस्या समाधानात्मक नवाचार कहते हैं।
इस नवाचार में समस्या के समाधान की ओर विशेष रुप से ध्यान दिया जाता है।