महासागरीय धाराएं || प्रमुख महासागरीय जल धाराएं (Ocean Currents)
महासागरीय जल धाराएं (Ocean Currents)
महासागरीय धाराएं : सागरों में जल के एक निश्चित दिशा में प्रवाहित होने की गति को धाराएं (Currents) कहते हैं। धाराएं सामुद्रिक नदियां हैं जो नियमित रूप से निश्चित दिशा की ओर प्रवाहित होती है।
धाराओं की उत्पत्ति के कारण
समुद्रों में चलने वाली धाराओं की उत्पत्ति के लिए निम्न कारक हैं।
1. पृथ्वी का परिभ्रमण एवं गुरुत्वाकर्षण बल।
2. वायुदाब और पवनें।
3. वाष्पीकरण और वर्षा।
4. तापमान में भिन्नता।
5. घनत्व का अंतर।
6. महाद्वीपों का आकार।
तापमान के आधार पर जलधाराओं का वर्गीकरण
(1). ठंडी जलधाराएँ:
जो धाराएं ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों की ओर चलती हैं उन्हें ठंडी जलधाराएं कहते हैं। प्रायः उच्च अक्षांशों (ध्रुवों) से निम्न अक्षांशों (भूमध्य रेखा) की ओर बहती हैं। इनके जल का तापमान रास्ते में आने वाले जल के तापमान से कम होता है। अतः ये धाराएं जिन क्षेत्रों में चलती हैं वहां का तापमान घटा देती हैं।
(2). गर्म जलधाराएँः
जो धाराएं गर्म क्षेत्रों से ठंडे क्षेत्रों की ओर चलती हैं उन्हें गर्म जलधाराएं कहते हैं। ये प्रायः निम्न अक्षांशों (ध्रुवों की ओर) में, उष्ण कटिबंधों (भूमध्य रेखा) से उच्च अक्षांशीय समशीतोष्ण और उपध्रुवीय कटिबंधों की ओर चलती हैं।
इनके जल का तापमान मार्ग में आनेवाले जल के तापमान से अधिक होता है। अतः ये धाराएं जिन क्षेत्रों में चलती हैं, वहां का तापमान बढ़ा देती हैं।
अटलांटिक महासागर की धाराएं
1. उत्तरी विषुवत रेखीय धारा
अटलांटिक महासागर में विषुवत रेखा के उत्तर में उत्तरी-पूर्वी सन्मार्गी पवनों के कारण एक उष्ण जल धारा प्रवाहित होती है, जो विषुवत रेखा के उष्ण जल को पूर्व से पश्चिम की ओर धकेलती है, इसे उत्तरी विषुवत रेखीय धारा कहते हैं।
कैरेबियन सागर में पश्चिमी द्वीप समूह के मध्य आ जाने के कारण इस जल धारा के दो भाग हो जाते हैं। एक भाग उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट के साथ-साथ बहकर गल्फस्ट्रीम से मिल जाती है और दूसरी दक्षिण की ओर चलकर मैक्सिको की खाड़ी में पहुचने वाली यह गर्म जलधारा है।
2. फ्लोरिडा की धारा
उत्तरी विषुवत रेखीय धारा जब यूकॉटन जल सन्धि द्वारा मैक्सिको की खाड़ी में प्रवेश करती है। वहां पर मिसिसीपी नदी अत्यधिक मात्रा में जल गिराती है जिसके फलस्वरूप मेक्सिको की खाड़ी में जलस्तर अटलांटिक महासागर से ऊंचा हो जाता है व्यापारिक पवनों के प्रभाव से यह धारा फ्लोरिडा के मुहाने से होकर प्रशांत महासागर में निकलता है यहीं पर अंटाइल्स धारा भी इसमें आकर मिलती है। यह संयुक्त धारा हेटरस अंतरीप तक फ्लोरिडा धारा कहलाती है। यह गर्म जल धारा है
3. गल्फस्ट्रीम धारा
मेक्सिको की खाड़ी से उत्पन्न होने वाली गर्म धारा को गल्फस्ट्रीम धारा कहते हैं। इसकी खोज सर्वप्रथम 1513 ई. में पोन्से डी लियोन द्वारा की गयी थी। यह धारा 70° अक्षांश तक यूरोप के पश्चिमी तट तक प्रवाहित होती है। इस धारा का नाम अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नाम है।
(1). फ्लोरिडा से हेटरस के बीचः फ्लोरिडा की धारा।
(2). हेटरस अंतरीप से ग्रांड बैंक के बीच: गल्फस्ट्रीम धारा।
(3). ग्रांड बैंक से पश्चिम यूरोपीय तट तकः उत्तरी अंटलांकि प्रवाह।
गल्फ स्ट्रीम की गर्म धारा संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी भाग के मौसम को प्रभावित करती है तथा तापमान को बढ़ा देती है। गल्फस्ट्रीम धारा 40° उत्तरी अक्षांश के पास पछुआ पवनों के प्रवाह के कारण पूर्व दिशा की ओर मुड़ जाती है। 40° उत्तरी अक्षांश के पास इस धारा से लेब्रेडोर ध्रुवीय ठंडी धारा आकर मिलती है जिस कारण यहां घना कुहरा छा जाता है।
4. उत्तरी अटलांटिक धारा
45° उत्तरी अक्षांश के बाद गल्फस्ट्रीम धारा पूर्वी भाग में मुड़कर कई भागों में विभक्त हो जाती है इन्हीं के सम्मिलित रूप को उत्तरी अटलांटिक धारा कहते हैं।
(1). एक धारा नार्वे सागर में चली जाती है।
(2). एक शाखा इरमिन्गर के नाम से आइसलैंड के दक्षिण में चली जाती है।
(3). एक शाखा ग्रीनलैंड धारा से मिल जाती है।
(4). इसकी मुख्य पूर्वी शाखा फ्रांस, स्पेन तट तक प्रवाहित होती है। इसकी भी दो शाखाएं है। एक रूम सागर में प्रवृष्ट होती है जबकि दूसरी शाखा रेनेल धारा के नाम से विस्के की खाड़ी तक जाती है।
गल्फस्ट्रीम धारा के प्रभाव से ही पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु का आविर्भाव होता है। इस धारा के प्रभाव से ही उत्तरी अमेरिका का पूर्वी तट तथा यूरोप का पश्चिम तट सर्दियों में भी गर्म रहता है।
5. लेब्रेडार की धारा
यह ध्रुवीय ठंडी धारा है जिसका निर्माण बेफिन की खाड़ी तथा डेविस जलडमरूमध्य के मध्य होता है। यह धारा यहां से दक्षिणी भाग में प्रवाहित होती है तथा 40° उत्तरी अक्षांश के पास गल्फस्ट्रीम गर्म धारा से मिल जाती है।
6. दक्षिणी अटलांटिक धारा
यह ठंडी जल की धारा है। ब्राजील धारा का जल 40° दक्षिणी अक्षांश के पास से पछुआ पवनों के प्रभाव से पूर्व की ओर प्रवाहित होने लगता है जिससे इस धारा का निर्माण होता है।
7. नॉर्वे की धारा
उत्तरी अटलांटिक प्रवाह आगे स्कैंडेनेविया तट के सहारे बहती है, तब नॉर्वे की धारा कहलाती है।
8. पूर्वी ग्रीनलैंड की धारा
यह ठंडी धारा डेनमार्क जल संधि से निकलकर ग्रीनलैंड के पूर्वी किनारे पर बहती है।
9. इरमिन्गर की धारा
आइसलैंड के पूर्वी किनारे के सहारे बहने वाली ठंडी धारा को इरमिन्नार धारा कहते हैं।
10. कनारी की धारा
उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट के सहारे केपवर्डे के पास से होकर दक्षिण की ओर प्रवाहित धारा को कनारी की धारा कहते हैं। यह ठंडी धारा है।
11. दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा
यह धारा दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक पवनों से उत्पन्न होती है और भूमध्य रेखा के समानांतर पूर्व से पश्चिम को प्रवाहित होती है।
12. ब्राजील की धारा
दक्षिणी विषुवत रेखीय जल धारा फॉकलैंड द्वीप से टकराकर दो दिशाओं में बंट जाती है एक धारा फॉकलैंड की ठंडी धारा के रूप में बहती हुई ब्राजील धारा में मिलती है।
13. फॉकलैंक की धारा
हॉर्न अंतरीप की धारा फॉकलैंड द्वीप से टकराकर दो दिशाओं में बंट जाती है एक धारा फॉकलैंड की ठंडी धारा के रूप में जबकि दूसरी दिशामें ब्राजील धारा (गर्म) के रूप में बहती है।
14. बेंगुला की धारा
यह ठंडी धारा दक्षिणी अफ्रीका के पश्चिमी तट के सहारे उत्तर दिशा में प्रवाहित होती है। यह धारा अंटार्कटिका के ठंडे पानी से मिलने के कारण ठंडी हो जाती है।
15. अंटार्कटिका प्रवाह
दक्षिण-पूर्व महासागर में पछुआ हवाओं के कारण पश्चिमी से पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाले प्रवाह को अंटार्कटिका प्रवाह कहते हैं।
16. प्रति विषुवत रेखीय धारा
अटलांटिक विषुवत रेखीय धारा के विपरीत पश्चिम से पूर्व में प्रवाहित धारा को विपरीत विषुवत रेखीय धारा कहते हैं। यह गर्म जलधारा है।
प्रशांत महासागर की धाराएं
1. उत्तरी विषुवत रेखीय धारा
यह गर्म धारा उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक पवनों के कारण मध्य अमेरिका तट से प्रारंभ होकर पश्चिम में फिलीपाइंस तक प्रवाहित होती है।
2. अलास्का की धारा
उत्तरी प्रशांत महासागरीय प्रवाह की एक शाखा उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर अलास्का तट के सहारे प्रवाहित होती है, इसे अलास्का की गर्म जल धारा कहते हैं।
3. क्यूरोशिवो धारा
उत्तरी विषुवत रेखीय धारा फिलिपींस तट से टकराकर उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होने लगती है, इसे क्यूरोशिवो धारा कहते हैं। यह धारा जापान तट तक उत्तर दिशा में प्रवाहित होती है।
35° अक्षांश के पास पछुआ पवनों के प्रभाव से इसकी दिशा पश्चिम से पूर्व हो जाती है तब क्यूरोशिवो प्रसार के नाम से जानी जाती है।
यह धारा पछुआ पवनों के प्रभाव से निरंतर पूर्व की ओर बढ़ती जाती है तथा उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट तक प्रवाहित होती है। वहां यह धारा उत्तरी प्रशांत महासागरीय प्रवाह के नाम से जानी जाती है। यह गर्म जलधारा है।
4. शुशिमा धारा
क्यूरोशिवो धारा का वह भाग जो 30° उत्तरी अक्षांश के पास से अलग होकर जापान के पश्चिमी तट तक जापान सागर तक प्रवाहित होती है, शुशिमा धारा कहलाती है। यह गर्म धारा है।
5. क्यूराइल ठंडी धारा
उत्तरी में बेरिंग जलडमरू मध्य से प्रशांत महासागर में दक्षिण की ओर प्रवाहित धारा क्यूराइल या आयोशियों धारा कहलाती है। इसमें ध्रुवीय भाग का ठंडा जल प्रवाहित होता है अतः यह ठंडी धारा है। 50° उत्तरी अक्षांश के पास यह धारा क्यूरोशिवो गर्म धारा से मिली है जहां इनके मिलने पर घना कुहरा छा जाता है।
6. कैलिफोर्निया धारा
उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर प्रवाहित ठंडी धारा को केलिफोर्निया की धारा कहते हैं। उत्तरी प्रशांत महागरीय प्रवाह से इसका जन्म होता है।
इस धारा द्वारा उत्तर का ठंडा जल उ. अमेरिका के पश्चिमी तट के सहारे उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होता है।
7. अल-निनो धारा
दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट पर उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित गर्म जल की धारा अल निनो कहलाती है। यह पेरू तट तक प्रवाहित होती है। इसके कारण समुद्री प्लैकंटन मर जाती हैं तथा मछलियों की भारी क्षति उठानी पड़ती है।
8. दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा
दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के पश्चिम भाग में प्रवाहित होती है तथा पश्चिमी दिशा में चलती हुई ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट पर स्थित न्यूगिनी तट से टकराकर दो भागों में विभाजित हो जाती है।
9. पूर्वी ऑस्ट्रेलिया की धारा
न्यूगिनी तट के निकट दक्षिणी विषुवतरेखीय धारा दो शाखाओं में बंट जाती है। इसकी दक्षिणी शाखा पूर्वी ऑस्ट्रेलिया तट पर प्रवाहित होती है, इसे पूर्वी ऑस्ट्रेलिया की गर्म धारा कहते हैं।
10. पेरू की धारा
दक्षिणी प्रशांत महासागर में दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट पर दक्षिण से उत्तर की ओर बहने वाली धारा पेरू की ठंडी धारा कहलाती है। इसे सर्वप्रथम हम्बोल्ट ने देखा था, अतः इसे हम्बोल्ट की धारा भी कहते हैं।
11. विपरीत विषुवत रेखीय धारा
यह एक गर्म धारा है जो दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा से निकलकर पेरू के तट के समांतर उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती रहती है।
12. वेल्ट विंड ड्रिफ्ट
दक्षिण तस्मानिया एवं न्यूजीलैंड की ओर पश्चिम से पूर्व में चलती है।
हिंद महासागर की धाराएं
1. उत्तरी-पूर्वी मानसून धारा
यह धारा विषुवत रेखा के उत्तर में बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में चलती है। शीतकाल में उत्तरी-पूर्वी मानसून पवनें स्थल से जल की ओर बहती हैं।
2. विपरीत धारा
उत्तरी पूर्वी मानसून के समय ही एक विपरीत धारा का जन्म होता है, यह शीतकाल में जंजीबार से सुमात्रा के मध्य बहती है।
3. दक्षिणी-पश्चिमी मानसून धारा
उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्मकालीन मानसूनी हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी में परिवर्तित हो जाती है। यह धारा अपनी अनेक छोटी-छोटी उपधाराओं के साथ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में प्रवेश करती है।
4. दक्षिणी-भूमध्यरेखीय धारा
यह धारा दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक पवनों के प्रभाव से ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है।
5. मोजम्बिक की धारा
यह गर्म धारा दक्षिणी विषुवत रेखीय धारा से उत्पन्न होती है, यह अफ्रीका के पूर्वी तट पर तथा मेडागास्कर के मध्य प्रवाहित होती है।
6. अगुलहास की धारा
यह एक गर्म जल धारा है। पछुआ हवाओं के प्रभाव से पूर्वी दिशा में एक धारा का प्रादुर्भाव हो जाता है, इसे अगुलहास की धारा कहते हैं। यह धारा अफ्रीका के पूर्वी तट के लगभग 80 किमी. की दूरी पर ही प्रवाहित होती है।
7. वेस्ट विंड ड्रिफ्ट
हिंद महासागर में 40° दक्षिणी अक्षांश के आसपास पश्चिम से पूर्व पछुआ पवनों के सहारे चलती है।
पवन किसे कहते हैं || पवनों के प्रकार