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शैक्षिक पर्यवेक्षण का अर्थ एवं परिभाषा

शैक्षिक पर्यवेक्षण का अर्थ एवं परिभाषा – पर्यवेक्षण शब्द अंग्रेजी भाषा की supervision का हिंदी रूपांतरण है। यह दो शब्दों परी (super)+अवेक्षण (vision) से मिलकर बना है। Super से तात्पर्य ‘असाधारण, अलौकिक’ होता है तथा vision से तात्पर्य ‘दृष्टि’ होता है। इसी दृष्टि जो दिव्य अथवा अत्यंत सूक्ष्म हो, यह पर्यवेक्षण के अंतर्गत आता है। किसी संगठन की चहुंमुखी दिशाओं का सूक्ष्म अध्ययन करने एवं उनके विकास हेतु सुझाव देने को पर्यवेक्षण कहा जाता है। इस प्रक्रिया में दूसरे व्यक्ति, इकाई अथवा संपूर्ण संगठन की क्रियाओं का अवलोकन कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश एवं विकास हेतु आवश्यक सुझाव दिया जाता है।

“पर्यवेक्षण इच्छित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु मानव प्रतिभा का बुद्धिमतापूर्ण उपयोग एवं प्रबंधकों द्वारा संसाधनों रूपी सुविधाएं उपलब्ध कराना है जो मानव-प्रतिभा को चुनौतियां एवं रुचि प्रदान कर सकें।” जी. आर. टेरी

उपरोक्त परिभाषा स्वयं में निम्नलिखित तत्व समाहित किए हुए हैं –

1. कार्य के दौरान कर्मचारियों की क्रियाओं पर ध्यान रखना।
2.मानव प्रतिभाओं का बुद्धिमतापूर्ण उपयोग।
3. प्रदर्शन स्तर उच्च करने हेतु कर्मचारियों को प्रेरित करना।
4. अच्छे मानवीय संबंधों को बनाए रखना।

इन तत्वों के माध्यम से स्पष्ट है कि पर्यवेक्षण जहां कर्मचारी क्रियाओं का निरीक्षण है वही उनको प्रेरित करने, संगठन की भीतर सुव्यवस्थित मानव संबंध बनाए रखने एवं कर्मचारियों को प्रेरित करने वाली तकनीकी भी है। पर्यवेक्षण क्रियाएं वास्तव में संगठन, उसके लक्ष्य एवं नेतृत्व आदि के आधार पर भिन्न-भिन्न स्वरूप वाली होती है। कुछ संगठनों में पर्यवेक्षण की शक्तियां असीम होती है तो कुछ संगठनों में पर्यवेक्षण संकुचित शक्तियों वाला होता है। पर्यवेक्षण एवं पर्यवेक्षक की विषय में आवश्यक जानकारी हेतु पर्यवेक्षण की विशेषताओं एवं अन्य तत्वों का ज्ञान प्राप्त कर लेना भी आवश्यक है।

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शिक्षा के क्षेत्र में किया जाने वाला पर्यवेक्षण शैक्षिक पर्यवेक्षण कहा जाता है। शैक्षिक पर्यवेक्षण का शिक्षकों, सीखने की परिस्थितियों तथा छात्रों की उन्नति से गहरा संबंध होता है। शिक्षण की उत्तम विधियों, पुस्तकालय, प्रयोगशाला की सुविधा, क्रीडा स्थल, मानदंडों के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षक-छात्र अनुपात,विद्यालय भवन आदि विभिन्न तत्वों का मूल्यांकन शैक्षिक पर्यवेक्षण के अंतर्गत किया जाता है। इसके माध्यम से पाठ्यक्रम में सुधार तथा निर्माण हेतु शोध पर बल दिया जाता है। छात्रों को आवश्यक व्यवसायिक निर्देशन एवं परामर्श देने हेतु भी शैक्षिक पर्यवेक्षण का विशेष महत्व है। वास्तव में शैक्षिक पर्यवेक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जो शिक्षकों की व्यवसायिक विकास में, शिक्षण संस्थाओं की निरंतर उन्नति एवं छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु पूर्ण सहायता प्रदान करती है।

शिक्षा शब्दकोश के अनुसार शैक्षिक पर्यवेक्षण निम्नलिखित तत्वों से जुड़ा हुआ है –

1. शिक्षण उद्देश्य, विधियों, सामग्रियों का चयन करना।
2. पर्यवेक्षकों, शिक्षकों एवं कार्यकर्ताओं को नेतृत्व प्रदान करना।
3. व्यवसायिक उन्नति हेतु प्रेरणा प्रदान करना।
4. आवश्यक सुधार हेतु मूल्यांकन करना।

“शैक्षिक पर्यवेक्षण शिक्षण को सुधारने का एक सुनियोजित कार्यक्रम है।” – ऐडम्स एवं डके

“पर्यवेक्षण शिक्षण प्रक्रिया का आलोचनात्मक मूल्यांकन करने तथा निर्देशन देने की एक विधि है। पर्यवेक्षण का अंतिम उद्देश्य छात्रों को उत्तम शिक्षण सेवा द्वारा सभी स्तरों पर योग्य बनाना होना चाहिए।” – चेस्टर टी मैक्नवे

“पर्यवेक्षण विद्यालय प्रशासन का वह रूप है जिसका संबंध मुख्य रूप से शैक्षिक सेवा की आशाजनक तथा उपयुक्त उपलब्धियों से होता है।” – ग्लेन जी.आई.तथा नेटजर

उपरोक्त परिभाषा मुझसे स्पष्ट है कि शिक्षक-छात्र अंतः क्रिया में आवश्यक सुधार,उपयुक्त एवं कौशल युक्त शिक्षण विधियों का विकास, पाठ्यक्रम का मूल्यांकन, परीक्षा व्यवस्था को वस्तुनिष्ठ स्वरूप प्रदान करना, छात्र- सुविधाओं का मूल्यांकन एवं उनमें आवश्यक सुधार लाना, शिक्षण प्रबंध को प्रभावी बनाने की दिशा में उपरोक्त क्रियाओं का संपादन शैक्षिक पर्यवेक्षण की मूलभूत तत्व है। उत्तम शैक्षिक पर्यवेक्षण वही है जो शिक्षकों, छात्रों तथा विद्यालय की समस्त परिस्थितियों का उन्नत करता है। वास्तव में शैक्षिक पर्यवेक्षण वह विशिष्ट सेवा है जो शिक्षकों की कार्य-कुशलता तथा व्यवसायिक नेतृत्व हेतु,पाठ्यक्रम में सुधार तथा शिक्षण स्तर को उचित मानक तक पहुंचाने हेतु एवं छात्रों के समाज के अनुरूप आचरण करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करती है।

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