शैक्षिक पर्यवेक्षण के उद्देश्य
शैक्षिक पर्यवेक्षण के उद्देश्य objectives of educational supervision – शैक्षिक पर्यवेक्षण के क्षेत्र के अंतर्गत विद्यालय, शिक्षक, छात्र, शिक्षण-विधि, कौशल, पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली, विद्यालय की सुविधाएं आदि समस्त तत्व सम्मिलित होते हैं। इन सबकी एवं इनके साथ समुदाय एवं समाज की उन्नति हेतु शैक्षिक पर्यवेक्षण के उद्देश्य का निर्धारण बृहद दृष्टिकोण के अंतर्गत किया जाता है।
शैक्षिक पर्यवेक्षण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है-
1.शिक्षण संस्थाओं के विकास एवं प्रसार के माध्यम से समाज को सक्षम बनाना।
2. विद्यालयों का गुणात्मक विकास करना।
3. विद्यालयों की विकास प्रक्रिया में निरंतरता हेतु नवीन परिस्थितियों एवं नियमों के निर्माण को प्रोत्साहन देना।
4. सामुदायिक सहयोग हेतु आवश्यक विधियों एवं साधनों का ज्ञान करना।
5. शिक्षा के क्षेत्र में नवीन विधियों, दृष्टिकोणों एवं तकनीकों से शिक्षकों, प्रबंधकों संरक्षकों आदि को परिचित करना।
6. निर्धारण मानदंडों के अनुरूप शिक्षकों, प्रधानाचार्यो एवं प्रबंधकों को आत्म-मूल्यांकन योग्य बनाना।
7. संस्थागत योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करना।
8. पाठ्यसहगामी एवं पाठ्येत्तर क्रियाओं को पाठ्य सामग्री के साथ-साथ विकास हेतु प्रोत्साहन देना।
9. छात्र, शिक्षक, प्रधानाचार्य एवं गैर- शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की पारस्परिक समस्याओं का विश्लेषण कर उनके समाधान हेतु आवश्यक सुझाव प्रदान करना।
10. विद्यालय एवं समाज के मानवीय एवं भौतिक संसाधनों के समुचित उपयोग के माध्यम से संस्थागत लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग प्रदान करना।
11. शिक्षण संस्थाओं की विभिन्न क्रियाओं के मूल्यांकन हेतु टोली पर्यवेक्षण प्रक्रिया का उपयोग करना।
12. शिक्षण संस्थाओं के समुचित विकास हेतु विभिन्न समितियों के निर्माण एवं उनके सफल संचालन हेतु आवश्यक ज्ञान प्रदान करना।
13. संस्थागत मानवीय संबंधों में आवश्यक सुधार के माध्यम से संस्था को गत्यात्मक स्वरूप प्रदान करना।
14. विद्यालय अथवा शैक्षिक संसाधनों को समाज के लिए उपयोगी बनाने एवं समुदाय व समाज को संस्थाओं के सफल संचालन हेतु सहयोगी बनाने हेतु आवश्यक प्रयास करना।
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